Friday, February 11, 2011

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Zikr-e-judai kitni asaani se kar gaya woh
Chand lamhon ki zindagi mein ek lamha kam kar gaya woh

~Kashish

1 comment:

  1. "ज़िक्र-ए-जुदाई कितनी आसानी से कर गया वो....
    चन्द लम्हों कि जिन्दगी में एक लम्हा और कम कर गया वो...."

    दिल को सीधी ही प्रभावित करती पंक्तियाँ...और कितनी आसानी से... बहुत खूब वाली बात है जी...
    कुंवर जी

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